Uttarakhandउत्तराखंडकाम की तारीफ

उत्तराखण्ड में सशक्त भू-कानून लागू करने के साथ ही भू-अभिलेखों का डिजिटाईजेशन पर सरकार का जोर

देहरादून। केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) के क्रियान्वयन हेतु केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को और फंड उपलब्ध कराई जाएगी।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीण भारत के सकारात्मक बदलाव के प्रयासों में केन्द्र सरकार के साथ उत्तराखण्ड की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए उम्मीद जतायी है कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में उत्तराखण्ड राज्य में डीआईएलआरएमपी के क्रियान्वयन में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में सशक्त भू-कानून लागू करने के साथ ही राज्य सरकार द्वारा भू-अभिलेखों का डिजिटाईजेशन के महत्वपूर्ण कार्य को समयबद्ध ढ़ंग से पूर्ण करने विशेष ध्यान दिया जा रहा हैै। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल भारत की परिकल्पना के अनुरूप आधुनिक और पारदर्शी भूमि प्रबंधन प्रणाली विकसित करने की राष्ट्रव्यापी मुहिम में उत्तराखण्ड राज्य अग्रणी भूमिका निभाने हेतु प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में केन्द्र सरकार के द्वारा प्रदान किया जा रहा सहयोग व समर्थन हमारे इन प्रयासों को और अधिक गति देगा। जिसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति राज्य सरकार आभारी है।

मुख्यमंत्री द्वारा केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री को पत्र भेजकर ग्रामीण विकास मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्रीय योजना के तहत उत्तराखण्ड राज्य को ₹478.50 करोड़ की विशेष सहायता राशि प्रदान करने का आग्रह किया गया था।

डीआईएलआरएमपी के तहत राज्य के प्रयासों एवं जरूरतों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने लिडार जैसे आधुनिक सर्वेक्षण तकनीक के माध्यम से उत्तराखण्ड राज्य की सम्पूर्ण भूमि का सर्वेक्षण/पुनःसर्वेक्षण के लिए ₹350 करोड़ की स्वीकृति दिए जाने और तहसील स्तर पर बनाए जा रहे आधुनिक अभिलेख कक्षों के निर्माण की बकाया धनराशि जारी किए जाने का भी अनुरोध किया गया था।

इस संबंध में केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि राज्य के पास उपलब्ध डीआईएलआरएमपी निधि से पांच गांवों में सर्वेक्षण/पुनःसर्वेक्षण के प्रयौगिक परीक्षण के कार्य में उत्तराखण्ड का पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा। प्रयोगिक परीक्षण के परिणाम के आधार पर कालांतर में सम्पूर्ण ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण सर्वेक्षण/पुनः सर्वेक्षण के कार्य के लिए राज्य को और निधि प्रदान की जाएगी।

तहसील स्तर पर बनाए जा रहे आधुनिक अभिलेख कक्षोें के निर्माण की बकाया धनराशि भी शीघ्र जारी कर दी जाएगी। शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि एग्री स्टैक कार्यक्रम के तहत राज्य को वित्तीय सहायता प्रदान करने के मामले में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के स्तर पर कार्यवाही की जा रही है और वह स्वयं इस मामले को देख रहे हैं।

 

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