भ्रष्टाचार पर विजिलेंस की बड़ी चोट, 2022 से अब तक 116 भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी गिरफ्तार

देहरादून। मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड की “भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत सतर्कता अधिष्ठान लगातार सक्रिय भूमिका निभा रहा है। निदेशक सतर्कता एडीजीवी मुरूगेशन की अध्यक्षता में मंगलवार को पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) में हुई सतर्कता अधिष्ठान की बैठक में भ्रष्टाचार निवारण और लंबित मामलों के त्वरित निस्तारण पर मंथन किया गया। बैठक उपरांत प्रेस वार्ता में निदेशक सतर्कता ने बीते ढाई वर्षों में विभाग की उपलब्धियों का विस्तृत ब्यौरा साझा किया। कहा कि
1064 हेल्पलाइन बनी जनता का भरोसा
सतर्कता अधिष्ठान ने आम जनता की सुविधा के लिए टोल फ्री नंबर 1064, ई-मेल, वेबसाइट और व्हाट्सएप नंबर जारी कर पारदर्शिता की दिशा में पहल की है। अप्रैल 2022 से सितम्बर 2025 तक 1064 पर कुल 9424 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 1421 विजिलेंस एंगल की पाई गईं। शेष 8005 नॉन-विजिलेंस शिकायतों को आवश्यक कार्रवाई हेतु संबंधित विभागों को प्रेषित किया गया।
ट्रैप कार्रवाई और गिरफ्तारियां
सतर्कता अधिष्ठान ने भ्रष्टाचार में संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करते हुए उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
- इस अवधि में कुल 79 ट्रैप कार्रवाई की गई, जिनमें 92 कर्मचारी गिरफ्तार हुए। इनमें 13 राजपत्रित अधिकारी और 79 अराजपत्रित कर्मचारी शामिल हैं।
- डीए और अनियमितता संबंधी मामलों में 24 कर्मचारी (7 राजपत्रित व 17 अराजपत्रित) जेल भेजे गए।
- इस तरह कुल 116 अधिकारी-कर्मचारी भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए।
न्यायालय में मजबूत पैरवी
सतर्कता अधिष्ठान ने न्यायालयों में भी प्रभावी पैरवी करते हुए उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। बीते ढाई वर्षों में कुल 37 प्रकरण निर्णित कराए गए, जिनमें से 28 मामलों में अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई गई। सजा का प्रतिशत 71% रहा, जो विभाग की मजबूत कानूनी तैयारी को दर्शाता है।
विभागवार और क्षेत्रवार कार्रवाई
- सबसे अधिक ट्रैप कार्रवाई राजस्व विभाग में हुई, जहां 29 प्रकरणों में 32 कर्मी पकड़े गए।
- गढ़वाल मंडल में हरिद्वार (21) और देहरादून (10) में सर्वाधिक कार्रवाई हुई।
- कुमाऊँ मंडल में उधमसिंह नगर (22) और नैनीताल (11) में ज्यादा मामले सामने आए।
रोकथाम और जन-जागरूकता
सिर्फ कार्रवाई ही नहीं, बल्कि रोकथाम और जन-जागरूकता पर भी सतर्कता अधिष्ठान ने खास ध्यान दिया है।
- सभी सरकारी विभागों के कार्यालयों में भ्रष्टाचार विरोधी पंपलेट चिपकाए गए।
- स्कूल और कॉलेजों में नुक्कड़ नाटक व सेमिनार आयोजित कर छात्रों व शिक्षकों को जोड़ा गया।
- सोशल मीडिया, रेडियो और सिनेमा हॉलों के माध्यम से लगातार भ्रष्टाचार विरोधी संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं।
- ग्रामीण और सीमांत जिलों तक हेल्पलाइन 1064 का प्रचार कर जनता को शिकायत दर्ज कराने के लिए प्रेरित किया गया।
- शिकायतकर्ताओं को राहत देने के लिए रिवॉल्विंग फंड स्थापित किया गया है। इसके तहत अब तक 13 शिकायतकर्ताओं (देहरादून व हल्द्वानी सेक्टर) को कुल ₹2,35,500/- की ट्रैप राशि वापस की गई है।
निदेशक ने दिए कठोर निर्देश
निदेशक सतर्कता ने हेल्पलाइन 1064 पर नियुक्त कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए कि कोई भी कॉल अटेंड न करने पर जिम्मेदारी तय कर कठोर कार्रवाई होगी। साथ ही जांच अधिकारियों को चेतावनी दी गई कि किसी भी शिकायत को अनावश्यक रूप से लंबित न रखा जाए।