चमोली से दर्द पर मरहम लगाने को दरदर भटकता रहा राजू, दून में डीएम सविन बंसल ने सुनी व्यथा

देहरादून। दून के डीएम सविन ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। चमोली में गर्म पानी से जले हुए हाथ के दर्द को लेकर मरहम लगाने को भटक रहे अनाथ और असहाय राजू के लिए डीएम बंसल फरिश्ता बन गए। डीएम बंसल ने जैसे ही राजू की असहनीय पीड़ा और मार्मिक व्यथा सुनी तो संवेदनशीलता का परिचय देते हुए बिना वक्त जाया किए राजू के इलाज हेतु डॉक्टर से की बात कर सरकारी सारथी वाहन से इलाज को भेजा। डीएम ने कहा कि राजू के इलाज का खर्चा वह उठाएंगे। यह सुन राजू के आँखों में दर्द के साथ खुशी के आंसू छलक उठे और विनम्रता से डीएम को हाथ जोड़ते हुए फफक फफक रोने लगा। अब पड़ा दून में डीएम के निर्देश पर राजू को प्राइवेट अस्पताल में स्पेशलिस्ट डॉक्टर से मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।
देहरादून के डीएम सविन बंसल हमेशा ही असहाय, निर्बल, निर्धन और अनाथ लोगों की मदद के लिए तत्पर रहते है। ऐसे एक नही अनेक कार्य हैं, जो डीएम की कमजोर वर्ग के प्रति संवेदनशीलता को बयां करते हैं। कुछ ऐसा ही आज फिर डीएम सविन बंसल ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। दरअसल असहनीय पीड़ा से छटपटाते हुए अचानक राजू नाम का एक व्यक्ति डीएम दफ्तर पहुंचा। कहा ‘‘साहिब मेरा नाम राजू है। मेरे कोई भी अपना नही है, लावारिस हूॅ। गढ़वाल से आया हूॅ। मेरे हाथ पर गरम पानी गिरने से हाथ जल गया है। इलाज की जरूरत है। बहुत दर्द हो रहा है। अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं सुन रहा, बहुत परेशान हूॅ, हाथ की सर्जरी होनी है। पैसा नही है, मदद करों। अपने रुंधे कंठ से ये कहते कहते राजू की आंखें दर्द के आंसुओं से छलक उठी।
डीएम सविन ने सुनी राजू की व्यथा
जिलाधिकारी सविन बंसल ने पूरी संवेदना के साथ असहाय, अनाथ राजू की मार्मिक व्यथा सुनी। राजू के अधजले हाथ के असीमित और असहनीय पीड़ा को महसूस किया और बिना वक्त जाया करते राजू के उपचार हेतु फोन पर चिकित्सकों से परामर्श किया। दून अस्पताल ने राजू के हाथ की गंभीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर रेफर करने की सलाह दी। जिलाधिकारी ने सहस्रधारा आईटी पार्क स्थित एक निजी अस्पताल में स्पेशलिस्ट चिकित्सक डॉ कुश से वार्ता की और राजू को तत्काल प्रशासन के सारथी वाहन से चिकित्सक के पास पहुंचाया। जहां अब राजू के अधजले हाथ का मुफ्त इलाज हो रहा है।
चमोली से दून तक इलाज को भटका राजू
असहाय, अनाथ राजू ने बताया कि वह चमोली जनपद के पांडुकेश्वर स्थित एक होटल में मजदूरी पर काम कर रहा था। एक दिन अचानक उसके हाथ में गरम पानी गिरने से उसका पूरा हाथ जल गया। उपचार के लिए दर-दर ठोकरें खाता रहा। जब कही से भी मदद नही मिली, तो एक आस और उम्मीद के साथ देहरादून डीएम के पास आया। आखिर देहरादून डीएम ने मेरी पीड़ा को समझा और मुझे सहारा दिया।