देहरादून। राजधानी स्थित काया लर्निंग सेण्टर में आज से ‘पड़ाव’ कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। यह एक मेण्टरशिप कार्यक्रम है, जिसमें उत्तराखण्ड में कला क्षेत्र से जुड़े 20 स्थानीय युवाओं को फैलोशिप प्रदान की गयी है। इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के उत्तराखंड निवासी चित्रकार जगमोहन बंगाणी मेण्टर के रूप में इन युवाओं को प्रशिक्षण एवं कला सम्बन्धी परामर्श देंगे। काया लर्निंग सेण्टर प्राकृतिक वातावरण में वास्तविक एवं अनुभव-आधारित ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है।
जगमोहन बंगाणी ने बताया कि यह कार्यक्रम प्रशिक्षक और प्रशिक्षुओं के बीच अनुभवात्मक साझाकरण पर केंद्रित होगा, जिसमें उत्तराखण्ड के नवोदित चित्रकारों को समकालीन कला के विभिन्न आयामों से परिचित कराते हुए उनके वर्तमान कला अभ्यास को निखारने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, वह स्वयं उत्तराखण्ड के दूरस्थ गांव से आते हैं, इसलिए चाहते हैं कि, उत्तराखण्ड के स्थानीय युवाओं को कला क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए युवाओं का वैश्विक स्तर पर प्रचलित समकालीन कला से परिचित होना आवश्यक है, यह कार्यक्रम इसी दिशा में है।
पड़ाव कार्यक्रम के लिए 21 अप्रैल 2023 को आनलाईन विज्ञापन जारी किया गया था। इस फैलोशिप कार्यक्रम के लिए कुल 56 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट के एसोसिएट प्रोफेसर प्रदीप चौहान, मूर्तिकार सुनीता चौहान, चित्रकार सत्य साईं मोथाडका, पूनम शर्मा एवं जगमोहन बंगाणी सहित कुल 5 सदस्यीय ज्यूरी ने “पड़ाव” कार्यक्रम के लिए कुल 20 युवाओं का चयन किया। इन युवाओं में अल्मोड़ा से भूपेन्द्र कुमार, आकाश आर्य, सुगम, रूचिर पंत, पिथौरागढ़ से योगेश सिंह भण्डारी, ऋतुराज सिहं खरायत, स्वाति बोरा, करन सिंह, पौड़ी गढ़वाल से ऋषिका नेगी, बिपेश चंद्रा, वंदिता डिमरी, देहरादून से मोहित वर्मा, रूद्रपुर से भूमिका तिवारी, पंकज दंगलपाल, तरूण शर्मा, उत्तरकाशी से तन्मय शर्मा नैनीताल से नीरज बबियारी, आकर्षण बोरा, चम्पावत से निकिता आर्य, बागेश्वर से शिवानी मरोठिया और टिहरी गढ़वाल से अनामिका पुण्डीर सम्मिलित हैं।