देहरादून। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की जन सुनवाई में बिजली उपभोक्ताओं ने बिजली की दरें बढ़ाने का विरोध करते हुए आपत्तियां दर्ज की गई। इस दौरान उपभोक्ताओं ने आयोग से अपील की कि बिजली का बिल दो माह में नहीं बल्कि हर माह में जारी किया जाए। ताकि उपभोक्ताओं पर ज्यादा बोझ न पड़े। जन सुनवाई में उपभोक्ताओं ने बिजली विभाग द्वारा इन दिनों बिलों में की जा रही एडिशनल सिक्योरिटी का पुरजोर विरोध किया गया।
जिला पंचायत सभागार पिथौरागढ़ में शुक्रवार को विद्युत नियामक आयोग ने यूपीसीएल द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए प्रस्तावित बिजली दरों पर जन सुनवाई की। आयोग के अध्यक्ष डीपी गैरोला और सदस्य तकनीकी एमके जैन ने प्रस्तावित बिजली दरों पर आपत्ति दर्ज कराने पहुंचे उपभोक्ताओं को सुना। इस दौरान उपभोक्ता उमाकांत द्विवेदी, मनोज चौहान, अधिवक्ता टीएन पंत, नीरज गुरुरानी, चंद्रशेखर, दिनेश कापड़ी, कैलाश चंद्र पुनेठा, गिरीश जोशी आदि ने कहा कि विभाग इन दिनों एडिशनल सिक्योरिटी के नाम पर उपभोक्ताओं का उत्पीड़न कर रहा है। कम खपत वाले उपभोक्ताओं को भी एएसडी की मांग कर रहा है। इसके अलावा उपभोक्ताओं ने बार-बार बिजली की दरें बढ़ाने, सरचार्ज समेत अन्य टैक्स उपभोक्ताओं पर लगाने का विरोध किया है। उपभोक्ता शमशेर महर, सुशील खत्री, हेमंत बिष्ट, मोहन भट्ट, विपिन चन्द्र जोशी, अजय प्रसाद ने कहा कि पहाड़ में बिजली उत्पादन कर दूसरे राज्य को आपूर्ति होती आ रही है। लेकिन हमारे यहां इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है। उन्होंने आयोग से मांग की कि जहां बिजली उत्पादन हो रही है, वहां उपभोक्ताओं को सरचार्ज, बिजली दरों, समेत अन्य छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बार बार बिजली की दरें बढ़ाने से उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ रहा है।इस मौके पर उपभोक्ता सुबोध बिष्ट, विक्रम सिंह ने भी बिजली दरों के बढ़ोत्तरी का विरोध कर लिखित और मौखिक सुझाव दिए हैं। जन सुनवाई के दौरान आयोग के सचिव नीरज सती, निदेशक प्रभात किशोर डिमरी, रजनीश माथुर, दीपक कुमार, दीपक पांडेय, पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी, यूपीसीएल के निदेशक अजय अग्रवाल, सीजीआरएफ के सदस्य न्यायिक अजय बोहरा, सदस्य तकनीकी पीसी द्विवेदी, सदस्य उपभोक्ता संतोष भट्ट, चीफ इंजीनियर पिटकुल, यूजेवीएनएल, एसएलडीसी आदि मौजूद रहे।
आयोग ने सुना उपभोक्ताओं का पक्ष
सुबह 11 बजे से जिला पंचायत सभागार में शुरू हुई जनसुनवाई में उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं का पक्ष सुना। सदस्य तकनीकी एमके जैन ने कहा कि उत्तराखंड में अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे सस्ती बिजली मिल रही है । उन्होंने कहा कि यूपीसीएल ने जो प्रस्ताव भेजा है, उस पर उपभोक्ताओं के हितों, सुझावों और आपत्ति के अनुसार आयोग निर्णय लेगा। ताकि उपभोक्ताओं पर ज्यादा बोझ न पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य में उपभोक्ताओं के हितों को लेकर पहले ही आयोग बड़े बदलाव और निर्णय कर चुका है। हाई वोल्टेज से होने वाले नुकसान की भरपाई कई गुना बढ़ाई गई है। इसके अलावा उपभोक्ताओं की समस्याओं के निस्तारण को सीजीआरएफ खोले गए हैं। जहां उपभोक्ता अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
31 मार्च के बाद नहीं लेंगे सरचार्ज
जन सुनवाई के दौरान उपभोक्ताओं ने यूपीसीएल पर बार बार सरचार्ज लगाने का आरोप लगाया। इस पर आयोग के सदस्य तकनीकी ने कहा कि महंगी बिजली खरीदने की कारण 31 मार्च तक सरचार्ज लगाया गया है। 31 मार्च 2023 के बाद विभाग सरचार्ज नहीं लेगा।
जर्जर पोल, झूलते तार की शिकायत
उपभोक्ताओं ने आयोग के समक्ष पिथौरागढ़ शहर और ग्रामीण इलाकों में जर्जर बिजली के पोल, झूलती तारें, लॉपिंग न होने से करंट का खतरा बना हुआ है। विभाग इस दिशा में ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि लोगों के घरों के ऊपर से कनेक्शन की तारें खींचने, बिजली के खम्बों के बीच लंबी दूरी होने, बार बार बिजली गुल होने तथा लंबी कटौती आदि की शिकायत दर्ज की गई।