
देहरादून। सिंचाई विभाग में मृतक आश्रित कोटे से नौकरी पाने वाली एक महिला अधिकारी के शैक्षणिक प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। वर्तमान में उत्तराखंड जल संसाधन प्रबंधन एवं नियामक आयोग, यमुना कॉलोनी देहरादून में प्रशासनिक अधिकारी पद पर तैनात अंशुल गोयल के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
वर्ष 2009 में मिली थी नौकरी
अंशुल गोयल ने वर्ष 2009 में मृतक आश्रित कोटे से सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्ति पाई थी। प्रारंभिक नियुक्ति लखवाड़ व्यासी निर्माण मंडल-प्रथम, देहरादून में हुई थी। इसके बाद उन्होंने लखवाड़ बांध निर्माण खंड, चतुर्थ, देहरादून में योगदान दिया।
फर्जी पाए गए हाईस्कूल प्रमाणपत्र
शिकायत मिलने पर विभागीय जांच में अंशुल गोयल द्वारा प्रस्तुत हाईस्कूल की अंकतालिका और प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। राजकीय इंटर कॉलेज पटेलनगर और उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद, रामनगर ने स्पष्ट किया कि दिए गए अनुक्रमांक और नाम से कोई भी परीक्षार्थी पंजीकृत नहीं था। जांच समिति ने भी प्रमाणपत्रों को कूटरचित माना।
कैंट कोतवाली में मुकदमा दर्ज
इस प्रकरण में सहायक अभियंता इंद्र सिंह ने तहरीर दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर निंबूवाला गढ़ी कैंट निवासी अंशुल गोयल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
अधिकारी पद पर बने रहने की अधिकारी नहीं
विभागीय स्तर पर की गई कानूनी राय में स्पष्ट किया गया है कि कूटरचित प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी प्राप्त करने के कारण अंशुल गोयल अपने पद पर बने रहने की अधिकारी नहीं हैं।
पुलिस की कार्रवाई जारी
कैंट कोतवाली प्रभारी निरीक्षक केसी भट्ट ने पुष्टि की कि आरोपी अधिकारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।