आईपीएस श्वेता चौबे को मुख्यमंत्री सम्मान, उत्तराखंड पुलिस का बढ़ा गौरव

देहरादून। भारतीय पुलिस सेवा में अपने उत्कृष्ट कार्य और उपलब्धियों के लिए उत्तराखंड की काबिल महिला आईपीएस अधिकारी श्वेता चौबे को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेडल से सम्मानित किया। यह सम्मान न केवल आईपीएस चौबे के लिए बल्कि, पूरे प्रदेश के लिए गौरव का क्षण है।
श्वेता चौबे ने बतौर एसएसपी कई जिलों में सेवा दी है और हर बार अपनी कार्यकुशलता, सख्ती और संवेदनशीलता से खास पहचान बनाई है। महाकुंभ 2010 में भीड़ प्रबंधन, केदारनाथ आपदा 2013 में राहत कार्य, अर्धकुंभ 2016, देहरादून ग्रामीण में खनन व शराब माफियाओं पर कार्रवाई, सीआईडी भर्ती घोटाले की जांच, ऑपरेशन पिंक और अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी में उनकी उपलब्धियों में प्रमुख हैं। उन्होंने पुलिस सेवा के साथ-साथ परिवार और सामाजिक जिम्मेदारियों का संतुलन साधते हुए यह साबित किया कि महिला शक्ति न केवल कानून-व्यवस्था में बल्कि हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती है। मुख्यमंत्री सम्मान से नवाज़ी गईं आईपीएस श्वेता चौबे आज उत्तराखंड की बेटियों और महिला अधिकारियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई हैं। मुख्यमंत्री द्वारा मिला यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत करियर की उपलब्धियों का सम्मान है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ी की महिला अधिकारियों और युवाओं को भी प्रेरणा देगा।
शानदार उपलब्धियाँ
आईपीएस श्वेता चौबे के करियर में कई ऐसी उपलब्धियाँ दर्ज हैं जो उत्तराखंड पुलिस के इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखी जाएँगी—
- महाकुंभ 2010, हरिद्वार : लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ और यातायात नियंत्रण की चुनौती को कुशलता से संभालते हुए मुख्यमंत्री सम्मान प्राप्त।
- केदारनाथ आपदा 2013 : राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते हुए अनेक जीवन बचाए, जिसके लिए सराहनीय सेवा पदक मिला।
- अर्धकुंभ 2016 : भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा में उत्कृष्ट कार्य।
- देहरादून ग्रामीण : खनन और शराब माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर कानून का डर कायम किया।
- सीआईडी भर्ती घोटाला : दोषियों पर कानूनी शिकंजा कसते हुए निष्पक्ष जांच का उदाहरण।
- ऑपरेशन पिंक : महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष अभियान शुरू किया, जिसने बड़ी सफलता पाई।
- पौड़ी : अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी कर संवेदनशीलता और दृढ़ता का परिचय दिया।
- पिंक टीम का गठन : थानों में महिला सुरक्षा यूनिट की स्थापना, आत्मरक्षा प्रशिक्षण और महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम।
संवेदनशीलता और सख्ती का संगम
श्वेता चौबे की पहचान केवल सख्त और ईमानदार पुलिस अधिकारी के रूप में ही नहीं है, बल्कि संवेदनशील और मानवीय दृष्टिकोण के लिए भी है। उन्होंने बार-बार यह साबित किया कि पुलिस वर्दी केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज और परिवार दोनों के लिए सुरक्षा और संवेदनशीलता की प्रतीक भी हो सकती है।