उत्तराखंड में तालाबों, कुएं, जोहड़ो के सत्यापन एवं पुनर्जीवित करवाने के निर्णय पर मुख्यमंत्री धामी का आभार

देहरादून। जल संकट की चुनौती के समाधान के लिए हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी ने तालाबों, कुएं, जोहड़ो के सत्यापन एवं पुनर्जीवित करवाने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है।
गौरतलब है कि कल के लिए जल अभियान, एवं
ब्रांड एम्बेसडर जल संरक्षण उत्तराखंड द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने बताया कि उत्तराखंड के तालाबों एवं जोहड़ को अतिक्रमण से मुक्ति दिलाने* के लिए 3 फरवरी 2025 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जिलाधिकारी देहरादून को प्रेषित पत्र पर निर्णय लिया गया है। जल संकट की चुनौती के समाधान के लिए हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी *वर्ष 2025 को जल वर्ष* के रूप में मना रहा है। वर्ष भर विभिन्न गतिविधिया आयोजित की जा रही हैँ, जिसमे तालाबों, झीलों, प्रकृतिक जल स्रोतो को अतिक्रमण से मुक्त करवाने के लिए सरकार एवं समाज से आग्रह किया जा रहा हैँ, इसी क्रम में 3 फरवरी 2025 को हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी के द्वारा मुख्यमंत्री जी एवं जिलाधिकारी देहरादून को पत्र सौपा था, जिसमें राज्य के साथ सबसे पहले देहरादून के तालाबों, कुएं, जोहड़ो, धारे पनियारे, बावड़ियों एवं नौलों को अतिक्रमण से मुक्ति एवं पुनर्जीवित करने का आग्रह किया गया था, संस्थान ने देहरादून के तालाबों कुएं आदि के राजस्व रिकार्ड सहित उपलब्ध कराए थे, बीते दिन मुख्यमंत्री के द्वारा उक्त मांग का संज्ञान लिया गया। जिसके लिए उनको बहुत बहुत धन्यवाद।
देहरादून को पानीदार शहर बनाने के लिए कुछ प्रयास और अपेक्षित है जो इस प्रकार है –
# देहरादून स्थित सभी नहरों को पुराना स्वरूप प्रदान किया जाए।
#मानवीय अतिक्रमण के अलावा सीमेंट से भी प्राकृतिक जल स्रोत, तालाबों को मुक्त करना अतिआवश्यक हैँ ।
# सरकारी योजनाओं में प्राकृतिक जल स्रोतो, तालाबों, धारो, नोलो आदि पर सीमेंट का प्रयोग प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.
# प्राकृतिक तालाबों, नौलों, कुएं , धारे पनियारे पर अतिक्रमण को संगीन अपराध घोषित किया जाए।
# पानी की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित किया जाए।
*“आईये जीवन रेखा बचाने की पहल से जुड़े।”*
द्वारिका प्रसाद सेमवाल
प्रणेता
कल के लिए जल अभियान, एवं
ब्रांड एम्बेसडर
जल संरक्षण उत्तराखंड