उत्तराखंडचारधाम यात्राधर्म स्थल

उत्तराखंड के चारों धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त तय, अब शीतकाल में यहां विराजमान होंगे “देवता”

देहरादून। उत्तराखंड में स्थित देश के प्रसिद्ध चार धामों के कपाट बंद करने की तिथि आज दशहरा पर्व पर तय हो गई है। चार धाम में प्रसिद्ध भूबैकुंठ बद्रीनाथ धाम के कपाट 18 नवम्बर, गंगोत्री के 14 और बाबा केदारनाथ और मां यमुना के द्वार दिवाली के अगले दिन 15 नवम्बर को विधि विधान के साथ बंद होंगे। इसके बाद चारों धाम की देव मूर्तियों के दर्शन शीतकाल में शीत निवास में होंगे। इधर, केदरनाथ में कपाट बंद होने के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीप यज्ञ में भाग लेंगे।

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कपाट बंद होने की तिथि आज दशहरा पर्व पर तय हो गई है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु 18 नवंबर को शायंकाल 3 बजकर 33 मिनट पर बंद हो जायेंगे। आज विजय दशमी के अवसर पर बदरीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित धार्मिक समारोह में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी को साक्षी मानकर कपाट बंद करने की तिथि की घोषणा की। इससे पहले धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने पंचांग गणना की तथा वेदपाठी रविन्द्र भट्ट सहित वेदाचार्यो ने स्वास्तिवाचन किया। अपने संदेश में श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी)अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा विजय दशमी की शुभकामनाएं दी। कहा कि कपाट बंद होने तक तीर्थयात्रा सुचारू ढ़ग से संचालित होगी। अपने जारी बयान में मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने कहा कि इस बार बदरी- केदार यात्रा में रिकार्ड चौंतीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर लिए हैं।

14 नवम्बर से कपाट बंद करने की प्रक्रिया

भगवान बद्रीनाथ के कपाट बंद होने के बाद 19 नवंबर को प्रात: श्री उद्वव‌जी एवं कुबेर जी योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर स्थित गद्दीस्थल को प्रस्थान करेगी। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद की प्रक्रिया के तहत पहले पंचपूजाये शुरू हो जायेगी 14 नवंबर को गणेश जी के कपाट बंद होंगे। 15 नवंबर दिन‌ में आदि केदारेश्वर मंदिर कपाट बंद होंगे। 16 नवंबर तीसरे दिन खडग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जायेगा। चौथे दिन 17 नवंबर को लक्ष्मी जी को कढाई भोग तथा पांचवे दिन 18 नवंबर को रावल जी स्त्री भेष धारण कर लक्ष्मी माता को भगवान बदरीनाथ जी के सानिध्य में रखेंगे। उसके पश्चात शाम 3 बजकर 33 मिनट पर भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद हो जायेंगे।

गंगोत्री 14, केदारनाथ और यमुनोत्री के 15 को कपाट बंद

विश्व प्रसिद्ध धाम बाबा श्री केदारनाथ धाम तथा मां यमुना जी के यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर 15 नवंबर को दोपहर को बंद हो जायेंगे। जबकि जबकि श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के अवसर पर 14 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे।
इसी तरह द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 22 नवंबर तथा तृतीय केदार तुंगनाथ जो के कपाट 1 नवंबर पूर्वाह्न को बंद कर दिये जायेंगे।

 

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