उत्तराखंड में एएनएम भर्ती प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, नियुक्ति पत्र लेने गए अभ्यर्थियों की फजीहत
देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एएनएम) के 824 पदों की नियुक्ति प्रक्रिया पर बड़ा झटका दिया है। हइकोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई कर फिलहाल नियुक्ति प्रक्रिया में रोक लगाने के आदेश दिए हैं। उधर, एएनएम पद पर चयन के बाद गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के जिलों में नियुक्ति पत्र लेने गए अभ्यर्थियों को खासी फजीहत झेलनी पड़ी। सम्बंधित जिलों के सीएमओ अब निदेशालय और शासन के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। इससे गढ़वाल के उत्तरकाशी से कुमाऊं चंपावत, पिथौरागढ़ आदि जिलों में पहुंचे चयनित अभ्यर्थियों में फिलहाल मायूसी है।
गत दिवस नैनीताल हाई कोर्ट में अवकाश की न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की विशेष पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही मेडिकल सर्विस चयन बोर्ड के अलावा पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और चमोली के मुख्य चिकित्साधिकारियों को नोटिस जारी कर मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई 23 जनवरी सोमवार को होगी। शुक्रवार को नैनीताल निवासी पुष्पा बिष्ट, जीवंती सती सहित पांच ने याचिका दायर कर इस नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती दी। याचिका में कहा गया है कि इन पदों के लिए 15 मार्च 2022 को विज्ञापन जारी किया गया, जबकि 16 जनवरी 2023 को परिणाम घोषित किया। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उनके अंक अधिक होने के बावजूद चयन कम अंक वालों का किया गया। कोर्ट ने मामला सुनने के बाद फिलहाल नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है। इधर, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह ने स्पष्ट किया है कि सिर्फ आठ पदों को तकनीकी कारणों से रोका गया है। शेष भर्ती पर रोक नहीं है।