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उत्तराखंड में एसटीएफ ने करोड़ों की साइबर ठगी का किया भंडाफोड़, दो ठग गिरफ्तार

  • देहरादून निवासी से 66 लाख रुपये की ठगी का पर्दाफाश
  • फर्जी कम्पनी NG Traders बनाकर खोले थे 20 से अधिक बैंक खाते
  • VPN, प्रॉक्सी सर्वर और टोर ब्राउजर से छिपाते थे लोकेशन
  • STF की साइबर टीम ने NOIDA से दबोचे मास्टरमाइंड नितिन गौर और निक्कू बाबू
  • आरोपी विदेशों में बैठे साइबर अपराधियों से भी कर रहे थे सम्पर्क
  • देहरादून। उत्तराखण्ड STF की साइबर क्राइम पुलिस टीम ने करोड़ों की साइबर ठगी का भंडाफोड़ करते हुए दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए अभियुक्त देहरादून निवासी एक पीड़ित से निवेश के नाम पर 66 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर चुके थे। गिरोह के कब्जे से भारी मात्रा में डिजिटल उपकरण, बैंक दस्तावेज, सिम कार्ड, एटीएम और फर्जी कम्पनी NG Traders की मोहरें बरामद की गई हैं।

ऐसे दिया ठगी को अंजाम

पीड़ित ने इन्वेस्टमेंट की जानकारी के लिए गूगल पर सर्च किया, जहां उसे फेसबुक पर “Judah Murazik” नामक पेज मिला। उस पेज पर एक वीडियो चल रहा था जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का हवाला देकर 21 हजार निवेश पर सात दिन में 6.5 लाख रुपये का लाभ देने का झांसा दिया जा रहा था। विश्वास में आकर पीड़ित ने CryptoPromarkets.com पर रजिस्ट्रेशन कर निवेश शुरू कर दिया।इसके बाद लगातार फोन और ईमेल के जरिए कथित कंपनी के “अकाउंट मैनेजर” और कर्मचारियों ने मोटा लाभ दिलाने का लालच देकर पीड़ित से 07 मई से 29 मई 2025 के बीच अलग-अलग खातों में ₹66,21,000/- जमा कराए। पैसे जमा होने के बाद न तो लाभ दिया गया और न ही पैसा लौटाया गया।

नोएडा से दबोचे मास्टरमाइंड

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक STF नवनीत सिंह के निर्देश पर एसपी स्वप्न किशोर, डीएसपी अंकुश मिश्रा और निरीक्षक देवेंद्र नबियाल की टीम ने तकनीकी विश्लेषण व ठिकानों पर दबिश के बाद नितिन गौर (34 वर्ष) और निक्कू बाबू (29 वर्ष) को नोएडा से गिरफ्तार किया।

बरामद सामान

अभियुक्तों के कब्जे से 01 टैब, 04 मोबाइल फोन, 06 अतिरिक्त सिम, 12 एटीएम/डेबिट कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, 02 पैन ड्राइव, 05 MPOS मशीनें, 05 क्यूआर साउंड बॉक्स, 14 क्यूआर स्कैनर, 06 चेकबुक, फर्जी कम्पनी की 02 मोहरें व अन्य सामान बरामद किए गए।

गिरोह का नेटवर्क

जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों का संपर्क विदेशों में बैठे साइबर अपराधियों से था। इनके पास देशभर के बैंकों में 18–20 करंट खाते थे। यह गिरोह VPN, Proxy Server, Tor Browser और Public Wi-Fi का इस्तेमाल कर अपनी पहचान छिपाता था। साथ ही अपने बैंक खातों और आधार कार्ड में भी दूसरों की आईडी से SMS अलर्ट नंबर डालकर पुलिस की जांच से बचते थे।

एसटीएफ की आमजनों से अपील

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक STF ने जनता से अपील की है कि किसी भी फर्जी वेबसाइट, मोबाइल नंबर या लिंक पर भरोसा न करें। ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट, जॉब ऑफर, KYC अपडेट या लॉटरी/इनाम जैसी कॉल्स से सावधान रहें। किसी भी संदेहास्पद लिंक या एप को डाउनलोड न करें। किसी साइबर ठगी का शिकार होने पर तत्काल 1930 टोल फ्री नंबर पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

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