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केदारनाथ उप चुनाव में हिंदुत्व को लेकर देशभर की नजर

केदारनाथ सीट के उपचुनाव में प्रचार का शोर आज थम जाएगा और 20 नवंबर को सीट के लिए 90 हजार से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। अब तक मतदाता भी तय कर चुके हैं कि उन्हें किस पर अपना भरोसा जताना है। इससे पहले भाजपा ने उपचुनाव के लिए अपने सभी दिगज्जों और मंत्रियों को क्षेत्र में उतारा और मुख्यमंत्री धामी भी केदारनाथ में खूब सक्रिय रहे। भाजपा इस सीट पर कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पूरी ताकत के साथ बदरीनाथ और मंगलौर की कहानी को यहां न दोहराने के लिए राजनीतिक कौशल दिखाया गया है।

आशा की सहज और सरल छवि को भुना रहे, मातृ शक्ति रही है निर्णायक
भाजपा पूर्व में 02 बार की विधायक रहीं आशा नौटियाल की सहज और सरल छवि को भुनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहीं। यह बात सही भी है कि आशा नौटियाल की छवि जनता के बीच एक राजनीतिज्ञ से बढ़कर एक सरल और मिलनसार महिला की रही है। दूसरी तरफ वोट बैंक के गणित को देखा जाए तो केदारनाथ सीट पर महिला मतदाताओं का ही दबदबा रहा है। चुनाव परिणाम को तय करने में मातृ शक्ति के मत की ताकत को इस सीट पर साफ देखा जा सकता है।

जीत और मत प्रतिशत में महिलाऐं रहीं आगे
राज्य गठन से अब तक केदारनाथ सीट पर हुए 05 चुनावों में से 04 बार महिला उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई है। इसके अलावा इस सीट पर महिला मत प्रतिशत भी अधिक देखा गया है। जो मातृ शक्ति की ताकत को स्पष्ट रूप में बयां करता है। वर्ष 2022 के चुनाव पर ही नजर डाली जाए तो महिलाओं पर मत प्रतिशत 69.61 प्रतिशत रहा, जबकि पुरुष मतदाताओं ने महज 60.29 प्रतिशत मतदान किया। मतों के इस गणित को अपने पक्ष में करने के लिए भी भाजपा विधायक आशा नौटियाल ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।

केदारनाथ सीट पर मतदाताओं का गणित
कुल मतदाता, 90875
महिला मतदाता, 45956
पुरुष मतदाता, 44919
दिव्यांग मतदाता, 1092
कुल बूथ संख्या, 173
मतदान का दिन, 20 नवंबर
मतगणना तिथि, 23 नवंबर

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